haryali tiij
हरयाली तीज २०२० पूजा विधि ,व्रत कथा
हरियाली तीज सावन मॉस का शुक्ल पक्ष की तिथि तीर्त्य को मनाए जाती है इस लिये इसे तीज कहा जाता है
और इस मॉस में चारो तरफ हरियाली होने का कारण इसे हरियाली तीज भी कहा जाता है इस दिन शादी सुदा स्त्री या अपने जीवन साथी के ाचा स्वस्थ के लिए उपवास करती है और इस दिन माता पार्वती और शिव की पूजा करती है | हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इस त्योहार का उपरांत हे अन्य त्योहारों का आगमन होता है |
Hariyali teej |
कैसे मानया जाता है हरयाली तीज का त्यौहार
इस दिन छोटी लड़किया और ओरत हरा कपडा पहनती है और हाथो में चूडिया पहनती है | इस दिन घरो में खूब रौनक होते है | इस दिन माता घरो में पकवान बनती है जैसे कचौरी ,पकौड़ी , गुंजिए है | महौला की सारी लड़किया इकठे होकर जुला डालती है | और जुला जुलते वक्त सावन मॉस के गीत गाती है | माता पार्वती के कहानिया पढ़ती और सुनती है |
हरियाली तीज महूर्त
Hariyali Teej 2020: आज है हरियाली तीज, यहां जानें शुभ मुहुर्त, पूजा विधि और महत्व
हरियाली तीज 2020 23 जुलाई तृतीया तिथि - गुरुवार, 23 जुलाई 2020 तृतीया तिथि प्रारंभ - 19:21 बजे (22 जुलाई 2020 ) से तृतीया तिथि समाप्त - 17:02 बजे (23 जुलाई 2020 ) तक
Hariyali teej |
हरियाली तीज व्रत कथा
यह एक पौराणिक कथा है| कथा के अनुसार एक दिन भगवान शिव माता पार्वती को अपने मिलन की कथा सुनाते हैं| वे बताते हैं पार्वती तुमने मुझे अपने पति रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया; किन्तु मुझे पति के रूप में पा न सकीं| 108 वीं बार तुमने पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया| शिवजी कहते हैं – पार्वती तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था| इस दौरान तुमने अन्न-जल त्याग कर सूखे पत्ते चबाकर दिन व्यतीत किया। मौसम की परवाह किए बिना तुमने निरंतर तप किया| तुम्हारी इस स्थिति को देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुःखी और नाराज़ थे| तुम वन में एक गुफा के भीतर मेरी आराधना में लीन थी| भाद्रपद तृतीय शुक्ल को तुमने रेत से एक शिवलिंग का निर्माण कर मेरी आराधना कि जिससे प्रसन्न होकर मैंने तुम्हारी मनोकामना पूर्ण की| इसके बाद तुमने अपने पिता से कहा कि ‘पिताजी, मैंने अपने जीवन का लंबा समय भगवान शिव की तपस्या में बिताया है और भगवान शिव ने मेरी तपस्या से प्रसन्न होकर मुझे स्वीकार भी कर लिया है| अब मैं आपके साथ एक ही शर्त पर चलूंगी कि आप मेरा विवाह भगवान शिव के साथ ही करेंगे|" पर्वतराज ने तुम्हारी इच्छा स्वीकार कर ली और तुम्हें घर वापस ले गये| कुछ समय बाद उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ हमारा विवाह किया|” “हे पार्वती! भाद्रपद शुक्ल तृतीया को तुमने मेरी आराधना करके जो व्रत किया था, उसी के परिणाम स्वरूप हम दोनों का विवाह संभव हो सका| इस व्रत का महत्त्व यह है कि इस व्रत को पूर्ण निष्ठा से करने वाली प्रत्येक स्त्री को मैं मन वांछित फल देता हूँ| भगवान शिव ने पार्वती जी से कहा कि इस व्रत को जो भी स्त्री पूर्ण श्रद्धा से करेंगी उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग की प्राप्ति होती|
Hariyali Teej 2020 Wishes in HindiHariyali Teej 2020 Wishes in Hindi
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