शायरी
वो शायर होते हैं जो शायरी लिखते हैं
हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं
बहुत अजीब होता है कमबख्त इश्क का खेल
कोई एक भी थक जाये तो दोनों हार जाते हैं //
शायरी
शायरी
वो अक्सर मेरे चेहरे को चूम लेती है /
जिनके मैं पैर छूने के भी काबिल नही//
तेरी फुर्सतों को खबर कहाँ
मेरी धडकने उदास हैं//
गजल के रूप में ढल जाऊ काश मै भी कभी
उदास लम्हों में शायद तुम मुझे गुनगुनाया करो//
न दिल होता न रोते दिल, दिल कोई जुदा होता
न तुम इतनी हसी होती न दिल तुझ पर फिदा होता तेरी फुर्सतों को खबर कहाँ
मेरी धडकने उदास हैं/
मैं आशा करती हूं। आप सभी को यह शायरी अच्छी लगेगी। आप सभी इस शायरी को पसंद करें अोर इस पोस्ट को सांझा करें। आप सभी को धन्यवाद।
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